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कोरोना संक्रमण के मौजूदा समय में स्तनपान कराने वाली महिलाएं ऐसे रखें अपने शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान

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अनुराधा पी सिंह

हम सभी जानते हैं कि मां का दूध बच्चे के लिए अमृत समान होता है। WHO( विश्व स्वास्थ्य संगठन) भी इस बात को कह रहा है कि अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया जिससे कि गर्भवती महिला से उसके गर्भस्थ शिशु को कोरोना वायरस से संक्रमण हुआ हो। WHO का यह भी कहना है कि संक्रमित महिला भी अपने नवजात बच्चे को स्तनपान करा सकती है। तो वैश्विक संक्रमण के इस दौर में भी मां के दूध की महत्ता कायम है। कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्ति के लिए इस वक्त पूरा देश लॉकडाउन में है। सब लोग अपने-अपने घरों तक सीमित हैं। सीमित संसाधनों से सभी अपने रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। ऐसे में वह महिलाएं जिन्होंने हाल ही में बच्चे को जन्म दिया है एवं स्तनपान कराती हैं उनके लिए भी चुनौति है कि वह किस तरह इस समय अपने मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें ताकि दूध की मात्रा एवं गुणवत्ता दोनों ही अच्छे हों।

तो ऐसे में आइये जानते हैं कि ग्रामीण एवं शहरी दोनों ही क्षेत्रों की स्तनपान कराने वाली महिलाएं कैसे लॉकडाउन एवं कोरोना संक्रमण के इस मौजूदा हालात में उपलब्ध सीमित चीजों से दूध की मात्रा एवं गुणवत्ता दोनों को बेहतर कर सकती हैं।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के मातृत्व अस्पताल चंद्रा लक्ष्मी में कार्यरत्- न्यूट्रीशनलिस्ट रजनी मुदुली से बात-चीत पर आधारित: 

  • नवजात शिशु की मां को बच्चे के साथ-साथ अपना भी ध्यान रखना होता है। ऐसे में लॉकडाउन की वजह से कई ऐसी महिलाएं हैं जिनका परिवार उनके साथ नहीं है। घरेलू सहायिकाएं भी मदद के लिए इस वक्त उपलब्ध नहीं हैं। इस वजह से यह वक्त प्रसुताओं के लिए चुनौतिपूर्ण हो सकता है। तो ऐसे में सबसे पहले तो यह जरूरी है कि आप ना तो घबराएं और ना ही हिम्मत हारें। यह सोचें कि इस मुश्किल भरे दौर से आप अकेली नहीं गुजर रहीं। भारत ही नहीं दुनिया भर में ऐसी अनगिनत प्रसुताएं हैं जो आप ही की तरह इन चुनौतियों से रू-ब-रू हो रही हैं। अगर आप मानसिक तौर पर परेशान होंगी तो इससे दूध की मात्रा एवं गुणवत्ता दोनों ही कम होगी।
  • सुबह की धूप जरूर लें। यह जच्चा-बच्चा दोनों के ही विटामिन डी की आपूर्ति के लिए आवश्यक है। आप अपने घर की छत, बालकनी, आंगन या बरामदे में जहां भी आपके लिए सहूलियत हो, थोडी देर धूप में बैठें। इससे आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी अच्छा असर पड़ेगा।
  • डॉकटर के मुताबिक नवजात शिशु को हर 2 घंटे पर स्तनपान कराना जरूरी होता है। साथ ही नवजात शिशु की मां लिए भी जरूरी है कि वह अच्छी और पर्याप्त नींद ले। तो इसके लिए आप अपने स्तन से दूध एक्सप्रेस कर यानी कि निकाल कर बोतल में रख लें। फिर रात को आपके पति या घर का कोई अन्य सदस्य वही दूध एक बार 2 घंटे के अंतराल पर पर बच्चे को पिला सकता है। ऐसा करने से आप एक साथ चार घंटे की नींद ले सकती हैं। रात में ही फिर यही प्रकिया एक और बार दोहरा सकती हैं। स्तन से दूध एक्सप्रेस करने के लिए आप ब्रेस्ट पंप का इस्तेमाल कर सकती हैं। यह आसानी से आपके आस-पास के दवाई दुकानों पर उपलब्ध हो जाएंगे।
  • डॉक्टर सलाह देते हैं कि हर बार स्तनपान कराने से पहले स्तनों को अच्छे से साफ किया जाए। तो ऐसे में परिवार से दूर रह रही महिलाएं काम के बोझ को कम करने के लिए ऐसा कर सकती हैं कि इन्सुलेटेड बोतल जिसमें 12 या अधिक घंटों तक पानी गर्म रहता है, उसे गर्म पानी से भर कर अपने बिस्तर के पास या जहां भी बैठकर आप नवजात को स्नपान कराती हों वहां रख लें। साथ ही रूई का एक रोल भी रख लें किसी डब्बे में। फिर जब भी नवजात शिशु को स्तनपान कराना हो इसी गर्म पानी में रूई भिंगो कर अपने स्तनों को साफ कर लें। आपको इससे बहुत सहूलियत रहेगी।
  • स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रचुर मात्रा में कैल्शियम, एवं प्रोटीन की जरूरत होती है इसलिए उनके खान-पान में इनकी मात्रा भरपूर होनी चाहिए। कैल्शियम के लिए वह दूध एवं दूध से बने हुए खाद्य पदार्थ अधिक मात्रा में लें, जैसे कि दही, छाछ, मलाई, पनीर, चीज आदि। लॉकडाउन में भी यह चीजें आपको उपलब्ध हो जाएंगीं।
  • प्रोटीन के लिए दालों का सेवन करें। दालें भी उपलब्ध हैं। स्तनपान कराने वाली जो महिलाएं लॉकडाउन की वजह से अपने परिवार से दूर हैं वो काम आसान करने के लिए दाल में सब्जियां जैसे कि चौलाई, लौकी, फलियां वगैरह डाल कर बना सकती हैं। पालक भी डालकर पका सकती हैं। इसमें भी परेशानी महसूस करें तो दाल, चावल, साग, सब्जी सब एक साथ कूकर में डालकर सब्जी वाली खिचड़ी बना लें। फिर उसमें हींग और जीरे का तड़का लगा लें। यह बहुत स्वास्थ्वर्धक होता है।
  • राजमा, लोबिया, सफेद एवं काले चने का भी प्रयोग करें। काले एवं सफेद चने को अच्छे से पकाकर ही इस्तेमाल करें वर्ना पेट में गैस की समस्या हो सकती है। चने को शहरी महिलाएं मिक्सर में तथा ग्रामीण महिलाएं घर की चक्की में पिसवाकर सत्तू के रूप में भी सेवन कर सकती हैं। सत्तू के भरवां पराठे बना लें या फिर चाहें तो सुबह नाश्ते के वक्त इसे पानी में घोलकर अपने स्वादानुसार नमक या गुड़ मिलाकर भी पी सकती हैं।
  • बेसन चूंकि चने की दाल से ही बनता है तो आप इसका भी सेवन कर सकती हैं। घर में उपलब्ध सब्जियां डालकर आप बेसन का चीला बना सकती हैं। पकौड़े भी बना सकती हैं। इन्हीं पकौड़ों को दही में डालकर कढ़ी बना सकती हैं।
  • मिर्च मसालों का सेवन कम करें। जिन चीजों से पेट में गैस बनती हो उनका सेवन कम करें जैसे कि गोभी वगैरह।
  • मौसमी फल लें। फलों का जूस बनाने के बदले इन्हें खाएं। ऐसा करने से आपको फाइबर मिलेगा और कब्ज में भी राहत मिलेगी। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए फल व सब्जियों को गर्म पानी से धोयें।
  • हरी सब्जियां अधिक खाएं। यह ग्रामीण एवं शहरी दोनों ही इलाकों में मिल जा रही हैं।
  • सूजी एवं दलिया भी उपल्ब्ध हो जा रहे हैं तो अगर मीठा खाने का मन हो तो सूजी का हलवा या फिर दूध में गुड़ डालकर मीठा दलिया भी पका सकती हैं।
  • मखाने या फिर जौ की खीर भी बना सकती हैं। ग्रामीण महिलाएं घर में जौ या गेंहू को हल्का दरदरा कर पिसवा कर दलिया तैयार करवा लें, फिर इसे पका कर खाएं।  
  • दूध अधिक आए इसके लिए खाने में ज्यादा जीरा या मेथी दाना डालें। आप इनका प्रयोग खाने में छौंक लगाने के लिए कर सकती हैं। पराठे अगर खाती हों तो इसमें भी जीरा एवं मेथी दाना डाल सकती हैं। जितना जीरा या मेथी सामान्य तौर पर आप इस्तेमाल करती रही रही हैं उससे एक चम्मच अधिक इस्तेमाल करें। आप चाहें तो भुना जीरा मट्ठे में डालकर पी सकती हैं।
  • जो मांसाहार का सेवन करती हैं उन महिलाओं के लिए अंडा कैल्शियम एवं प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत है। आप अंडा उबालकर खा सकती हैं। आमलेट भी ले सकती हैं। इसे बनाने भी समय एवं मेहनत दोनों ही कम लगते हैं। यह भी आसानी से उपलब्ध है ग्रामीण एवं शहरी दोनों इलाकों में।
  • मेवों का सेवन अधिक करें। भारत में बच्चे के जन्म के बाद मेवे एवं गोंद के लड्डू खाने का चलन है। इससे प्रसूता को शारीरिक बल तो मिलता ही है साथ ही दूध की गुणवत्ता भी बढ़ जाती है। घरों में अक्सर मां, सास वगैरह यह लड्डू बनाती हैं। लेकिन अगर लॉकडाउन में आपके साथ आपके परिवार के सदस्य नहीं हैं तो ऐसे में आप काजू, बादाम अखरोट पिस्ता इन सभी को मिक्सर में पीस कर पाउडर बना लें। फिर दिन भर में एक या दो चम्मच खाती रहें। रात को सोने से पहले भी इसे खाकर गुनगुना हल्दी वाला दूध पी लें। चाहें तो सभी मेवों को कड़ाही में थोड़ा भून लें, फिर में उसमें एक या दो चम्मच घी डालें, चीनी के बदले स्वादानुसार थोड़ा गुड़ मिला लें। इससे अधिक आयरन मिलेगा। यह बनाना आसान है। इसे डिब्बे में भर कर रख लें और खाएं।
  • तरल पदार्थ यानि कि लिक्विड अधिक मात्रा में लें इससे दूध अच्छा आएगा। जो महिलाएं Lactose Intolerant हैं यानी कि जिन्हें दूध से एलर्जी है वह लस्सी एवं छाछ का सेवन कर सकती हैं। सुबह शाम एक गिलास दूध लें। मगर छाछ एवं लस्सी सुबह – दोपहर तक ही लें। रात के इनके सेवन से बचें। पानी खूब पिएं।
  • जो महिलाएं परिवार से दूर हैं उनके लिए बार-बार खाना बनाना थकान भरा हो सकता है। तो इस चुनौति से निपटने के लिए आप सुबह के नाश्ते एवं दोपहर के खाने को बनाते वक्त ही रात के लिए भी कोई सूप अथवा दलिया तैयार कर लें।

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