सीता नवमी पर कवि गजेंद्र से सुनें आज के दौर में सीता जी की प्रासंगिकता
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हिंदू मान्यताओं के अनुसार बैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को जानकी जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि आज ही के दिन सीता जी धरती पर अवतरित हुईं थीं।
राम और सीता आज भी प्रासंगिक हैं। यह इस बात से प्रमाणित होता है कि लॉकडाउन में दूरदर्शन चैनल पर दिखाये जाने वाले रामायण धारावाहिक ने टेलीविजन रेटिंग प्वॉइन्ट (TRP) में दूरदर्शन को सबसे अव्वल रखा है।
रामायण महाकाव्य के रचयिता महर्षि वाल्मिकी ने त्रेता युग में अपने काव्य छंदों से राम, सीता एवं रामायण के अन्य पात्रों की प्रासंगिकता एवं परिस्थितियां सामने रखी थीं। दौर बदल चुका है। हर दौर में परिस्थितियों के मद्देनजर प्रासंगिकताएं भी बदलती रहती हैं और हर दौर के कवि अपनी कल्पना एवं कला से इनको सामने रखते हैं।
कवि गजेंद्र प्रियांशु ने भी आज के वक्त में माता सीता की प्रासंगिकता को लयबद्ध किया है। सुनें: