दिखें ये लक्षण तो हो जाएं सजग
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कुछ साल पहले तक स्तन कैंसर 45-50 वर्ष की महिलाओं में होता था। लेकिन अनियमित खानपान और खराब दिनचर्या के चलते आज ये बीमारी 25 से 30 साल की युवतियों को भी तेजी से अपनी गिरफ्त में लेती जा रही है। इतना ही नहीं देश के विभिन्न हिस्सों में कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं जिनमे कि 15-20 साल की किशोरियों में भी इसके लक्षण पाए गए हैं। आश्चर्य तो यह है कि 21वीं सदी में भी लोक लिहाज के चलते महिलाएं इस बीमारी के बारे में बात करने से हिचकती हैं। डॉक्टर के पास जाने से डरती हैं। जबकि सच्चाई यह है कि इस बीमारी का पता जितनी जल्दी लग जाए उतना ही इसके इलाज में मदद मिलती है। महिला मोहल्ला की एक कोशिश देश के हर गांव हर शहर में इसके बारे में जागरूकता फैलाने की। इसके जांच, उपचार एवं बचाव के तरीकों से महिलाओं को अवगत कराने की खासतौर पर ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को। साथ ही स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं के जांच एवं इलाज में हरसंभव मदद करने की।
दिखें ये लक्षण तो हो जाएं सजग
- मासिक धर्म चक्र के बाद स्तन में या फिर कांख में मटर के दाने के जैसी गांठ महसूस होना।
- कांख में सूजन आ जाना।
- स्तन में दर्द होना या फिर उसका या मुलायम हो जाना।
- स्तन पर खरोच दिखाई देना।
- स्तन के आकार या तापमान में कोई बदलाव होना।
- स्तन की त्वचा का रंग लाल या संतरी और सख्त हो जाना।
- निप्पल में कोई बदलाव जैसे कि उनका रंग आकार बदल जाना, खुजली या झुनझुनी सी चलना। उन पर दाने निकल आना।
- निप्पल से साफ़, लाल रंग का या किसी अन्य रंग का तरल निकलना।
- स्तन की त्वचा पर संगमरमर के जैसी सतह बन जाना।
- स्तन की त्वचा का कुछ हिस्सा अन्य त्वचा से बिल्कुल अलग हो जाना।
ऐसे जांचें खुद से
खड़े होकर
अपने दाहिने हाथ को सर के ऊपर उठाएं ताकि आप अपने बाएं हांथ से दाहिने स्तन और कांख को छू पाएं। अब अपने दाहिने स्तन को बाएं हांथ की उंगलियों के मदद से धीरे-धीरे गोलाई में घुमाकर बाहर से भीतर की ओर दबाकर देखें। कांखों को भी जांचें। अब यही प्रक्रिया बाएं स्तन और दाहिने हांथ के साथ भी देहराएं। अगर कोई भी गांठ महसूस हो तो बिना देरी के डॉक्टर से जांच करवाएं। हर मासिक धर्म के बाद यह जांच दौराएं।
आईने के सामने
आईने के सामने खड़े हो जाएं। हांथों को पीछे कर ये देखने की कोशिश करें कि कहीं स्तनों के रंग या आकार में कोई बदलाव तो नहीं आया। अपने हाथों को सर के ऊपर उठाकर इसी जांच प्रक्रिया को दोबारा से दोहराएं। यह प्रक्रिया भी हर मासिक धर्म के बाद करें।
लेट कर
समतल पर लेट जाएं। दाहिने हांथ के नीचे तकिया रखें और उसे ऊपर की ओर उठाएं। अब बाएं हाथ से दाहिने स्तन दबाएं और देखें की कहीं कोई गांठ तो नहीं ।यही प्रक्रिया बाएं हांथ और बांई स्तन के साथ दोहराएं। इस जांच को भी हर मासिक धर्म के बाद करें।
निप्पल की जांच
खड़े हो जाएं। एक हाथ से एक स्तन को पकड़ें। दूसरे हाथ से उस स्तन के निप्पल को दबाएं। देखें कि कोई तरल पदार्थ तो नहीं निकल रहा। इसी प्रक्रिया को दूसरे स्तन और निप्पल के लिए भी दोहराएं। अगर कोई तरल पदार्थ निकलता हुआ दिखे तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।